किस्मत फ़ूटी ।
टूटी डोरी प्रेम की , लागे सब बेकार ।
भाई को लतियाय कै , पूत लुटाये प्यार ॥
पूत लुटाये प्यार , दयी है सीख अनोख़ी ।
रामायण को छोड़, कहें हम आँख़ों देख़ी ॥
किया शीश पर वार , चचा की किस्मत फ़ूटी ।
दिया साँप को मार , नहीं लाठी ही टूटी ॥
लोकेन्द्र मुदगल