किस्मत और जिंदगी पर मुक्तक
किस्मत ने जैसा चाहा,वैसा ही ढल गए हम,
संभल के चले थे,फिर भी फिसल गए हम।
किसी ने दिल तोड़ा किसी ने विश्वास तोड़ा,
ओर लोगो ने समझा बिल्कुल बदल गए हम।।
मोम नही है हम जो पिघल जायेंगे,
मौसम नही है हम जो बदल जायेंगे।
इरादा रखते है हम भी दिल में पक्का,
सूरत को देखकर हम फिसल जायेंगे।।
बीत गया है जो जिंदगी में उसे तू याद न कर,
लिखा है जो किस्मत,उसकी फरियाद न कर।
जो होगा किस्मत में,वही होकर ही रहेगा,
तू कल की फिकर में आज को बर्बाद न कर।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम