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5 Feb 2017 · 1 min read

किसे गुजरा जमाना देखना है

किसे गुजरा जमाना देखना है।
हमें आगे का रस्ता देखना है।

चले तो आये हैं तेरे जहां से,
कहां अब हो ठिकाना देखना है।

जुदा कर हंस के हम को जाने जाना,
तेरा वो मुस्कराना देखना है।

गमों के खूब देखे हैं मनाजिर,
बस इक मंजर खुशी का देखना है।

चरागे-जीस्त अब बुझने लगा है,
फ़लक पर आशियाना देखना है।

अंधेरों पर न यूं आंसू बहाओ,
नया तुमको उजाला देखना है।

ख़याले-यार यूं दिल में बसा के
मुहब्बत का फसाना देखना है।
—-राजश्री—-

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