किसी से भी नज़र मिलाओ वे नज़र आते है
किसी से भी नज़र मिलाओ वे नज़र आते है।
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किसी से भी नज़र मिलाओ वे नजर आते है।
जिधर नज़रे घुमाओ वे ही मुझे नज़र आते है।
तजुर्बा लोगो का अपनी अपनी नज़रों का है,
दिल की खिड़की खुलते वे ही नज़र आते है।।
रहना नही कभी भी दूर तुम मेरी नज़रों से।
मिलाए रखना अपनी नजर मेरी नज़रों से।
नज़र से नजर उतारती रहूंगी सदा मै तेरी,
ओझल न होना कभी तुम मेरी नज़रों से।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम