किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
है मेरा हाल क्या ये भी पता करने नहीं आती
कसम खाके मैं कहता हूँ कि उस दिन मर ही जाता हूँ
वो मेरी क़ब्र पे जिस दिन दुआ करने नहीं आती
-जॉनी अहमद ‘क़ैस’
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
है मेरा हाल क्या ये भी पता करने नहीं आती
कसम खाके मैं कहता हूँ कि उस दिन मर ही जाता हूँ
वो मेरी क़ब्र पे जिस दिन दुआ करने नहीं आती
-जॉनी अहमद ‘क़ैस’