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12 Feb 2023 · 1 min read

*किसी बच्चे के जैसे मत खिलौनों से बहल जाता (मुक्तक)*

किसी बच्चे के जैसे मत खिलौनों से बहल जाता (मुक्तक)
—————————————-
किसी बच्चे के जैसे मत खिलौनों से बहल जाता
किसी मत जाति मजहब के मोहल्ले में टहल जाना
उन्हें दो वोट जो सब की, तरक्की चाहते करना
किसी तलवार या फिर तोप, के सॉंचे में ढल जाना
—————————————-
रचयित : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
121 Views
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