किसी टैडी वियर जैसी
किसी अहसास की दुनियाँ के इक़ दिकलश नगर जैसी…
बड़ी मासूम सी हो तुम मुहब्बत के असर जैसी…
तुम्हें जब जब भी देखूँ तो दिल करता लिपट जाऊँ,
मुझे लगती है तुम यारा किसी टैडी वियर जैसी….
किसी अहसास की दुनियाँ के इक़ दिकलश नगर जैसी…
बड़ी मासूम सी हो तुम मुहब्बत के असर जैसी…
तुम्हें जब जब भी देखूँ तो दिल करता लिपट जाऊँ,
मुझे लगती है तुम यारा किसी टैडी वियर जैसी….