Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Oct 2021 · 1 min read

किसी के हो न पाये हम तुम्हारे आज भी क्यों हैं।

गजल- फ़िल से हासिल
काफ़िया- आरे की बंदिश
रद़ीफ- आज भी क्यों हैं।
बहर- बहरे हजज मुसम्मन सालिम
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
1222…..1222……1222……1222

किसी के हो न पाये हम तुम्हारे आज भी क्यों हैं।
अभी भी हम तुम्हारे ही सहारे आज भी क्यों हैं।

कि पहुँचा देश अपना चाँद पर ये बात गौरव की,
मगर लाचार सड़कों पर बेचारे आज भी क्यों है।

वो दिन अब आ गये जब खुद हमें खाना कमाना है,
मगर सरकार के ही हम सहारे आज भी क्यों हैं।

ये दरिया प्रेम का है पार जो उतरे वही डूबे,
मगर जो डर गये बैठे किनारे आज भी क्यों हैं।

नहीं भूले कभी वो दिन गुजारे साथ जो तेरे,
हँसी चंचल अदा के वो नजारे आज भी क्यों हैं।

मुझे मालूम तुम से हैं ये रोशन चाँद तारे सब,
तुम्हारे बिन नहीं रोशन सितारे आज भी क्यों हैं।

जो प्रेमी हैं बिना कुछ चाह सबको प्यार देते हैं,
न फिर कहना कभी सबके वो प्यारे आज भी क्यों हैं।

……✍️ प्रेमी

1 Like · 202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
Shweta Soni
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
अंतर्मन विवशता के भवर में है फसा
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
Dr Mukesh 'Aseemit'
"प्लेटो ने कहा था"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅लक्ष्य🙅
🙅लक्ष्य🙅
*प्रणय*
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
Neeraj kumar Soni
****स्वप्न सुनहरे****
****स्वप्न सुनहरे****
Kavita Chouhan
मैंने देखा नहीं रंगों से जुदा करके उसे ,
मैंने देखा नहीं रंगों से जुदा करके उसे ,
P S Dhami
"धन-दौलत" इंसान को इंसान से दूर करवाता है!
Ajit Kumar "Karn"
शादी अगर जो इतनी बुरी चीज़ होती तो,
शादी अगर जो इतनी बुरी चीज़ होती तो,
पूर्वार्थ
रोशनी और कुदरत की सोच रखते हैं।
रोशनी और कुदरत की सोच रखते हैं।
Neeraj Agarwal
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक arun atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेमिका और पत्नी।
प्रेमिका और पत्नी।
Acharya Rama Nand Mandal
आज दिल कुछ उदास सा है,
आज दिल कुछ उदास सा है,
Manisha Wandhare
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
भारत महान है
भारत महान है
Dr Archana Gupta
सावन का महीना आया
सावन का महीना आया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
डर किस बात का
डर किस बात का
Surinder blackpen
सिया स्वयंवर
सिया स्वयंवर
Jalaj Dwivedi
सनातन की रक्षा
सनातन की रक्षा
Mahesh Ojha
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समय
समय
Swami Ganganiya
कविता -
कविता - "बारिश में नहाते हैं।' आनंद शर्मा
Anand Sharma
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
कवि रमेशराज
3772.💐 *पूर्णिका* 💐
3772.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . . . मेघ
दोहा पंचक. . . . . मेघ
sushil sarna
हम
हम
हिमांशु Kulshrestha
*शिक्षक जिम्मेदार, देश का धन है असली (कुंडलिया )*
*शिक्षक जिम्मेदार, देश का धन है असली (कुंडलिया )*
Ravi Prakash
भाई दूज
भाई दूज
Santosh kumar Miri
Loading...