Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Oct 2024 · 1 min read

किसी के सम्मान या

किसी के सम्मान या
अभिनंदन में लिखने लायक़
कुछ भी पास न हो तो उसी की
जीवनी लिख कर उसे ही थमा दो।
अब दीवार पर लटकाए या आले में सजाए, मर्ज़ी उसकी अपनी।

16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेमिका को उपालंभ
प्रेमिका को उपालंभ
Praveen Bhardwaj
शुभ-यामिनी
शुभ-यामिनी
*प्रणय प्रभात*
चलना है मगर, संभलकर...!
चलना है मगर, संभलकर...!
VEDANTA PATEL
मैंने उनको थोड़ी सी खुशी क्या दी...
मैंने उनको थोड़ी सी खुशी क्या दी...
ruby kumari
शर्ट के टूटे बटन से लेकर
शर्ट के टूटे बटन से लेकर
Ranjeet kumar patre
मुझसे जो भी होता है वो मैं करता हूॅं!
मुझसे जो भी होता है वो मैं करता हूॅं!
Ajit Kumar "Karn"
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
“अग्निपथ आर्मी के अग्निवीर सिपाही ”
“अग्निपथ आर्मी के अग्निवीर सिपाही ”
DrLakshman Jha Parimal
फूल है और मेरा चेहरा है
फूल है और मेरा चेहरा है
Dr fauzia Naseem shad
ओझल मनुआ मोय
ओझल मनुआ मोय
श्रीहर्ष आचार्य
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तेज़ाब का असर
तेज़ाब का असर
Atul "Krishn"
आत्म  चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
आत्म चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
‘ चन्द्रशेखर आज़ाद ‘ अन्त तक आज़ाद रहे
कवि रमेशराज
लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..!
लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..!
पंकज परिंदा
दुर्भाग्य का सामना
दुर्भाग्य का सामना
Paras Nath Jha
कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दर्द उसे होता है
दर्द उसे होता है
Harminder Kaur
یہ وہ وقت ہے
یہ وہ وقت ہے
Otteri Selvakumar
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
SUDESH KUMAR
अधूरी
अधूरी
Naushaba Suriya
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ना चाहते हुए भी
ना चाहते हुए भी
हिमांशु Kulshrestha
जय जय जय जय जय माँ दुर्गा
जय जय जय जय जय माँ दुर्गा
gurudeenverma198
फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
Shreedhar
Most times, things that happen to us have the capacity to in
Most times, things that happen to us have the capacity to in
पूर्वार्थ
3777.💐 *पूर्णिका* 💐
3777.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...