किसी के काम आओ
जिन्दगी बेशक अब छोटी सी है
पर यह जीनी तो सब को पड़ेगी
मुस्कुरा की या आंसू बहा के
यह पहल तो करनी पड़ेगी !!
वक्त पर किसी के काम आ जाओ
इस से बड़ा कर्म क्या होगा
जान तो जानी है सब की, जान
जाने से पहले कुछ अच्छा कर जाओ !!
यह कर्म भूमि है , बस निभा के जाओ
लेने की नहीं, देने की आदत से गुजर जाओ
स्वार्थ सिद्ध कर के अपना बस भला होगा
निस्वार्थ कर के अपना जीवन सफल कर जाओ !!
रास्ता कटीला है , काँटों से निकल जाओ
गुलाब जैसी मुस्कान से सब का दिल जीत जाओ
हर इंसान की कीमत समझो दोस्तों यहाँ पर
क्या पता किस मोड़ पर , कीमत उसकी भी समझ जाओ !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ