किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
जुगनू से आगे जाकरके दीप जलाने निकला है
गूंगों की बस्ती की ज्वाला भड़क रही है भडने दो
सरकारों में आकर के आवाज दबाने निकला है
✍️𝔻𝕖𝕖𝕡𝕒𝕜 𝕤𝕒𝕣𝕒𝕝☑️
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
जुगनू से आगे जाकरके दीप जलाने निकला है
गूंगों की बस्ती की ज्वाला भड़क रही है भडने दो
सरकारों में आकर के आवाज दबाने निकला है
✍️𝔻𝕖𝕖𝕡𝕒𝕜 𝕤𝕒𝕣𝕒𝕝☑️