किसी और के दिल की पारिजात
जानें क्यो आज मुझसे उनसे यह खुराफ़ात हो गई
बाम में पर खड़े देख दिल की दिल से बात हो गई
कल सुबह देखा जो बाल बनाते उसको क्या कहें,
उफ़ पहली नज़र का जादू दिल पे मेरे घात हो गई
रखता हूँ कुछ सुखी पत्तियां गुलाब की किताबों में
यादें है उसकी यही सोच अश्कों की बरसात हो गई
मैं तो क़त्ल हुआ था इस कदर अंधेरे में यारो की
जुगनू था मैं मर गया यारों ,अब काली रात हो गई
रौशनी में गिरी थी लाश मेरी क़ातिल अंधेरे में था
लोगो की जुबां खमोश कैसी यहाँ करामात हो गई
क़लम भी चौक गई यह सुनकर हमदर्द मारा गया
नौक नुकीली है मेरी,नैनो से कैसे ये आघात हो गई
मैं तो रात की रानी बताता रहा उसको ख़तों में अपने
वह कमबख्त किसी और दिल की पारिजात हो गई