*किसान*
करते हैं खेतों पर काम,
जीतोड़ मेहनत नहीं आराम।
काम उसका नहीं है आम,
देते सबको अन्न किसान।।
नहीं देखते जाड़ा गर्मी,
नहीं देखते वो बर्षा।
उसका साहस है अदम्य,
चारों ओर होती चर्चा।।
दिन रात जाकर खेत रखाता,
मेहनत के पसीने में नहाता।
रूखी सूखी रोटी खाकर,
जितना मिलता खुश है पाकर।।
अन्नदाता कहो चाहे किसान,
इसको दो पूरा सम्मान।
भरे पेट वो डाले जान,
देश की शान है किसान।।