किसान!
किसान भारत की शान। लेकिन हमको नही पहचान।आज नही बन सका महान। पर ! दुनिया का इसके बिना नही चलता खान,पान।दिन रात मेहनत करता है, करता श्रमदान। फिर भी हमेशा रहता परेशान।आज तक वह खेती हर ही बना रहा, मिला न कोई सम्मान।अपने -अपने स्वार्थ के कारण, मचा रहा घमासान। सबसे अच्छा है किसान, आज करै न कोई पहचान। कर्ज से दबकर ,निकल रहै प्रान।