Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2021 · 1 min read

किसान

किसान
*****
सुबह-शाम,दिन-रात परिश्रम
के पर्याय हैं वीर किसान
कर्म-साधना के साधक हैं
ये अपने भारत की शान।

घनघोर हो बारिश,सर्दी,ठिठुरन
जेठ की तपती दुपहरिया
बढ़ें फसल खेतों में निशि दिन
अपने किसान हम सबकी शान।

जीवन के झंझावातों में
दुःख के भारी बरसातों में
चलते रहते हल खेतों में
बसते हैं प्रभु इनके मन में।

दुःख भी सहते,हँसते,हर्षाते
हम सबको है इन पर आन
रीढ़ राष्ट्र की इनसे ही है
देश-देश की शान किसान।

हों परिमार्जित,परिवर्द्धित नित-नित
पुष्पित हों ये देश की शान
सब जन भावुक हों इनके प्रति
जय-जय भारत के वीर किसान!
–अनिल कुमार मिश्र
राँची,झारखंड

Language: Hindi
322 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
Ravi Prakash
कर दिया
कर दिया
Dr fauzia Naseem shad
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
..
..
*प्रणय*
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Bodhisatva kastooriya
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इतिहास गवाह है ईस बात का
इतिहास गवाह है ईस बात का
Pramila sultan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
-आगे ही है बढ़ना
-आगे ही है बढ़ना
Seema gupta,Alwar
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कभी कभी प्रतीक्षा
कभी कभी प्रतीक्षा
पूर्वार्थ
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा।
तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा।
Sanjay ' शून्य'
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
मैं समुद्र की गहराई में डूब गया ,
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
✍️ रागी के दोहे ✍️
✍️ रागी के दोहे ✍️
राधेश्याम "रागी"
बड़ी अजब है प्रीत की,
बड़ी अजब है प्रीत की,
sushil sarna
4369.*पूर्णिका*
4369.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पेड़ और ऑक्सीजन
पेड़ और ऑक्सीजन
विजय कुमार अग्रवाल
देवी महात्म्य सप्तम अंक 7
देवी महात्म्य सप्तम अंक 7
मधुसूदन गौतम
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
Jogendar singh
इश्क
इश्क
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
-        🇮🇳--हमारा ध्वज --🇮🇳
- 🇮🇳--हमारा ध्वज --🇮🇳
Mahima shukla
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
Phool gufran
मजदूर है हम
मजदूर है हम
Dinesh Kumar Gangwar
दिया ज्ञान का भंडार हमको,
दिया ज्ञान का भंडार हमको,
Ranjeet kumar patre
Loading...