किसान
देखो जमीन बिक गई, गिरवी रखे मकान ।
फसल देख किसान हुए, कितने आज परेशान ।।
कितने आज परेशान, अपना भाग्य कोस रहे ।
मौसम जाता रूठ, कैसे किसान दुःख सहे ।।
जग कहे यही बात, तकनीक नवीन सीखो ।
फिर करो श्रम खूब, फसल झूमेगी देखो ।।
देखो जमीन बिक गई, गिरवी रखे मकान ।
फसल देख किसान हुए, कितने आज परेशान ।।
कितने आज परेशान, अपना भाग्य कोस रहे ।
मौसम जाता रूठ, कैसे किसान दुःख सहे ।।
जग कहे यही बात, तकनीक नवीन सीखो ।
फिर करो श्रम खूब, फसल झूमेगी देखो ।।