Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2020 · 1 min read

किसान पर दोहे

किसान पर दोहे
★★★★★★★☆★★☆☆★★★★
धरती पुत्र किसान का , मत करना अपमान।
जो करता सुरभित धरा,उपजाकर धन धान।।

कॄषक सभी दुख पीर में , आज रहे है टूट।
करते रहे बिचौलिए , इनसे निसदिन लूट।।

रत्ती भर जिनको नही,फसल उपज का ज्ञान।
वही गधे रचने लगे , अब तो कृषि विधान।।

आंदोलन के नाम पर , डटे कृषक दिन रात।
फुर्सत कब सरकार को,करे सुलह की बात।।

निज खेतों में रातदिन , करता है अवदान।
धरती का भगवान हैं, अपना पुज्य किसान।।

स्वेद बहाकर जो करें,मेहनत अमिट अनन्त।
हैं उसके सम्मान में , धरती और दिगन्त।।

कठिन परिश्रम से मिला,जितना उनको अन्न।
उसको ही करदान यह , रहते सदा प्रसन्न।।
★★★★★★★★★★★★★★★★★
रचनाकार-डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 2710 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमारी प्यारी मां
हमारी प्यारी मां
Shriyansh Gupta
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
*जीवन में हँसते-हँसते चले गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
अपने लक्ष्य पर त्राटक कर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कहमुकरी : एक परिचयात्मक विवेचन
कहमुकरी : एक परिचयात्मक विवेचन
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
मेरी किस्मत पे हंसने वालों कब तलक हंसते रहोगे
Phool gufran
मित्रता
मित्रता
Shashi Mahajan
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
एक दिया बहुत है जलने के लिए
एक दिया बहुत है जलने के लिए
Sonam Puneet Dubey
महिला दिवस विशेष दोहे
महिला दिवस विशेष दोहे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
संवेदना - अपनी ऑंखों से देखा है
संवेदना - अपनी ऑंखों से देखा है
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
2956.*पूर्णिका*
2956.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*अलविदा तेईस*
*अलविदा तेईस*
Shashi kala vyas
दोहे. . . . जीवन
दोहे. . . . जीवन
sushil sarna
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आज की शाम,
आज की शाम,
*प्रणय*
अरे कुछ हो न हो पर मुझको कुछ तो बात लगती है
अरे कुछ हो न हो पर मुझको कुछ तो बात लगती है
सत्य कुमार प्रेमी
मेरा होना इस कदर नाकाफ़ी था
मेरा होना इस कदर नाकाफ़ी था
Chitra Bisht
खुद्दार
खुद्दार
अखिलेश 'अखिल'
सूरज आएगा Suraj Aayega
सूरज आएगा Suraj Aayega
Mohan Pandey
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
Dr Tabassum Jahan
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
आत्मशुद्धि या आत्मशक्ति
©️ दामिनी नारायण सिंह
उनकी आंखो मे बात अलग है
उनकी आंखो मे बात अलग है
Vansh Agarwal
मैं घमंडी नहीं हूँ
मैं घमंडी नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
卐                🪔 🪷🪷 卐
卐 🪔 🪷🪷 卐
ललकार भारद्वाज
बम
बम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
Shweta Soni
The moon you desire to see everyday,  maybe I can't be that
The moon you desire to see everyday, maybe I can't be that
Chaahat
"कर्म में कोई कोताही ना करें"
Ajit Kumar "Karn"
"परछाई के रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
शेखर सिंह
Loading...