किसान परेशान देश का
अन्नदाता बहुत है परेशान देश का
राजा बन गया है हैवान देश का
किसानी में किसान लूटा जा रहा
खामोशी में खामोश इंसान देश का
हक हेतु हलधर आया है सड़क पर
पानी की बौछारों में किसान देश का
भूखा रह कर पर पेट को है भरता
भूखा प्यासा मरता भगवान देश का
सियासी नीतियों की बलि चढ़ गया
सियासत मार सहे किसान देश का
बेसमझों की टोली में है फंस गया
समझदार बन गया नादान देश का
अन्न का कण – कण बर्बाद हो रहा
दानों का मोहताज किसान देश का
ईश्वर की उपासना में लीन है हुआ
राजनीति का शिकार मान देश का
फसलों के दाम सरकारें तय करें
भाड़ में किसान है परवान देश का
मनसीरत कृषक विरासत देश की
नीलामी में नीलाम किसान देश का
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)