Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2021 · 3 min read

किसान के नाम एक खत

देशवासियों की थाली तक दो वक्त की रोटी पहंचाने वाले
ताउम्र तन पर कष्ट सहन कर चेहरे पर मुस्कान रखने वाले

किसान!
आपको बारम्बार प्रणाम, नमस्कार!

आज एक खत लिखने का मन हुआ आपके नाम। जानता हूँ मेरा खत आप तक पहुंच भी नहीं पाएगा शायद, क्योंकि ज़रूरत की सामग्री से भी वंचित रह जाते हैं आप, दिनभर मेहनत करने के बावजूद भी तो भला स्मार्टफोन आपके पास कैसे मौजूद हो सकता है। जिससे आप इस खत को अपनी आँखों के सामने पढ़ पाएंगे। पर फिर भी लिख रहा हूँ, जिस तरह ईश्वर दिखाई नहीं देते हैं फिर भी हम अपनी दुआएं उन तक पहुंचा पाने में सफल हो जाते हैं तो मैं भी ऐसा ही मानता हूँ कि आज जो भी लिख रहा हूँ आपके संदर्भ में शब्दों के माध्यम से वह आप तक ज़रूर पहुंच जाएगा। आप भी तो ईश्वर से तनिक भी कम नहीं हैं। या यूं कहूं कि आप भी ईश्वर ही हैं।
चाहे बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल्स हों, या गाँव, गल्ली-मुहल्ले की छोटी-छोटी दुकानें आपके हाथों से निर्मित सामान हर जगह मौजूद होती है। जिस ओर नज़र दौड़ाया जाए ऐसा लगता है कि हर जगह आपकी प्रतिभा की किरण बिखरी हुई है। आपके बिना हम सब अधूरे हैं, जिस तरह जल बिन मछली। हाँ, ऐसा इसलिए कहा मैंने कि जल के अभाव में मछली तड़प-तड़पकर मर जाती है। जल के बिना मछली की ज़िंदगी विरान है। ठीक उसी तरह यदि आप अन्न उगाना छोड़ देंगे तो शायद हम सब भी तड़प-तड़पकर परलोक सिधार जाएंगे इसमें भी किंचित संदेह नहीं।

ठंड के मौसम की ठंडी हवाएँ आपके मन को भी झकझोरने का पूर्ण प्रयत्न करती होगी जब आप डटे रहते होंगे ठंड के दिनों में खेतों में। पर आप हार नहीं मानते हैं। आपका मन भी टूट जाता होगा उस वक्त पर आप मजबूर होते हैं उस वक्त हालात के समक्ष। आर्थिक स्थिति लचर होने के कारण बेइंतहा कष्ट हर दिन देती है दस्तक आपके घर फिर भी मन में यह विश्वास रखना कि एक दिन सब ठीक हो जाएगा, यह सीख कोई आपसे सीखे। जेठ की तपती धूप में तन तपाते हुए भी खेतों में काम करने में मग्न रहते हैं आप। तन पर बेइंतहा दर्द, दुख सहकर औरों की थाली तक रोटी, भोजन के अन्य सामान पहुंचाने का स्वर्णिम काम आपके सिवा कहाँ कोई करता है। आपकी शख्सियत को शब्दों में बांधना किसी कलमकार से संभव नहीं है। यह अकाट्य सत्य है।
आपका संपूर्ण जीवन विभिन्न धार्मिक स्थलों, देश-विदेशों में घूमने में व्यतीत नहीं होता है बल्कि आप अपना संपूर्ण जीवन गुजारते हैं खेतों में खलिहानों में ताकि घर का चूल्हा जल सके, मुन्ने की पढ़ाई हो सके, मुनिया की शादी अच्छे घर में हो सके व देश के हर नागरिक की थाली तक पेट की भूख मिटाने हेतु भोजन पहुंच सके। त्याग, तपस्या की साक्षात मूरत हैं आप। इसमें कोई संशय नहीं। आपके ऊपर मैं या कोई अन्य साहित्य सेवक भला क्या कुछ लिख सकता है यूं कहूं कि आप ही हमें गढ़ते हैं हमारा अस्तित्व आपसे ही हैं तो यह कहना शायद ग़लत नहीं होगा।

बारम्बार प्रणाम!!

आपकी धरती माँ का एक नन्हा-सा पुत्र
@कुमार संदीप

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 5 Comments · 257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-547💐
💐प्रेम कौतुक-547💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वृद्धों को मिलता नहीं,
वृद्धों को मिलता नहीं,
sushil sarna
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
(2) ऐ ह्रदय ! तू गगन बन जा !
Kishore Nigam
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
Life is proceeding at a fast rate with catalysts making it e
Life is proceeding at a fast rate with catalysts making it e
Sukoon
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
*थियोसोफी के अनुसार मृत्यु के बाद का जीवन*
Ravi Prakash
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
विजेता सूची- “सत्य की खोज” – काव्य प्रतियोगिता
Sahityapedia
सुख भी बाँटा है
सुख भी बाँटा है
Shweta Soni
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
■ लघुकथा / लेखिका
■ लघुकथा / लेखिका
*Author प्रणय प्रभात*
*
*"माँ वसुंधरा"*
Shashi kala vyas
ऐ!मेरी बेटी
ऐ!मेरी बेटी
लक्ष्मी सिंह
सांस
सांस
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
वो तुम्हें! खूब निहारता होगा ?
वो तुम्हें! खूब निहारता होगा ?
The_dk_poetry
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
We just dream to  be rich
We just dream to be rich
Bhupendra Rawat
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
* सुखम् दुखम *
* सुखम् दुखम *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आओ बैठो पियो पानी🌿🇮🇳🌷
आओ बैठो पियो पानी🌿🇮🇳🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बच्चों सम्भल लो तुम
बच्चों सम्भल लो तुम
gurudeenverma198
"लहर"
Dr. Kishan tandon kranti
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
मन
मन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
नारी जगत आधार....
नारी जगत आधार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
"मुझे हक सही से जताना नहीं आता
पूर्वार्थ
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
*** पुद्दुचेरी की सागर लहरें...! ***
VEDANTA PATEL
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
देखना हमको फिर नहीं भाता
देखना हमको फिर नहीं भाता
Dr fauzia Naseem shad
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान
Shyam Sundar Subramanian
Loading...