किसान आंदोलन
………गीत……
किसान आंदोलन और कवि का आगाज
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सर्दी सारी घर के बाहर ,काट रहा अन्नदाता है
कैसा राजा है ये अपना, कैसा भाग्यविधाता है
पूंजीपतियों के प्यार में ,अंधा है दीवाना है
जनता भूख प्यास से लड़ रही, देखें नहीं सयाना है
कोरोना और बर्ड फ्लू का, कब तक डर दिखलाओगे
शर्त मानकर अन्न दाता की ,घर कब बापस लाओगे
कितने घर तो उजड़ गए ,कितने और उजाडोगे
सीना पत्थर करके अपना, रौव ये कब तक झाडोगे
जिद्दी तुम हो तो हम भी, कम नहीं किसी जिद्दी से
लगता है मन भर गया है, तेरा अपनी गद्दी से
हमने अपनी मेहनत से, कितने मोसम को बदला है
मन की बात कहता है अपनी, तेरा मनवा गंदला है
हमने सर का ताज बनाकर, तुझको ताज पहनाया था
और तूने खा अन्न हमारा ,हमको ही पिटवाया था
कितनी चालें और चलोगे, वोलो तो ए राजा जी
कब तक झूठी बात करोगे ,बोलो अब तो राजा जी
26 जनवरी आने दो, झंडा हम फहराएंगे
हक पाने को अपना हम भी,अपनी ज़िद दिखलाएंगे
नहीं हटेंगे डटे रहेंगे ,चाहें हम मर जाएंगे
आजादी के देश में हम भी, गीत वतन का गाएंगे
पूंजीपतियों के आगे, कभी नहीं हम झूक सकते
अपने स्वार्थ सिद्धि के कारण, कभी नहीं हम बिक सकते
संविधान हैं साथ हमारे, हक तुमको देना होगा
वर्ना बात गांठ बांध लो, तुमको बहुत रोना होगा
हल वालों को हल्का लेकर, हल्ला तुम जो करा रहे
हमको तुम डरपोक ना समझो, जो ऐसे तुम डरा रहे
तभी उठेंगे हम धरने से ,जब ये बिल वापिस होगा
वर्ना दिल्ली के दिल पर ,जख्म बडा घातक होगा
सागर के संग सारा भारत ,जय किसान अब बोलेगा
सरकारी कानून की अब, पोल ये सारी खोलेगा
नहीं झुकेंगे डटे रहेंगे, चाहे जो भी हो जाए
सरहद पर बच्चे रहते हैं, एक और सरहद बन जाए
अच्छे दिन के झांसे में, बहुत बुरे दिन काटे हैं
तेरे आने से देश में, घाटे ही बस घाटे हैं
आज नहीं तो कल बोलेगा, देश हमारी बोली को
कैसे रोकेगे तुम बोलो ,मजदूरों की टोली को
बहुत सताया बहुत रुलाया, तुमने हमको राजा जी
अबकी बार बजा देंगे हम, मिलकर सबका बाजा जी
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बेखौफ शायर….
डॉ. नरेश कुमार “सागर”
मुरादपुर, सागर कालोनी, गढ़ रोड-नई मंडी, जिला-हापुड, उत्तर प्रदेश
9897907490….9149087291