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8 Dec 2020 · 1 min read

किसानों से निवेदन

किसानों से निवेदन
***************
क्यों भारत तुम बन्द करते हो,
क्यों आफत तुम मोल लेते हो।
अपने को भी तुम कष्ट देते हो,
दूसरो को भी तुम कष्ट देते हो।

तुम तो देश के अन्नदाता हो,
भारत के भाग्य विधता हो।
क्या मिलेगा भारत बन्द करने मे,
केवल नफरत के बीज बोते हो।

तुम तो हल को धारण करते हो,
क्यों दूजो की बंदूक धारण करते हो,
नहीं काम है तुम्हारा गोली चलाना
तुम तो सारी जनता का पेट भरते हो,

तुम्हारा काम है केवल खेतो पर,
नहीं आओ तुम किसी की बातो पर,
ये खेल खराब तुम्हारा कर देंगे,
अपना उल्लू सीधा कर तुमको मूर्ख बना देंगे।

रखा नहीं कुछ भारत बन्द करने में,
दूसरों की बंदूके अपने कंधे रखने मे,
देखना ये एक दिन छोड़ चले जाएंगे,
आओ नहीं तुम इन सबके बहकाने मे।

बात करने मे मामले सुलझ जाते है,
बहकाने मे ये सब उलझ जाते है
जरा हाथ बढ़ाओ सब मिल कर,
अच्छे व्यक्ति हमेशा झुक जाते हैं।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

Language: Hindi
2 Comments · 231 Views
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