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23 Apr 2024 · 1 min read

काव्य भावना

किसलय की मुस्कान बनी ,
मृगनयनी का श्रृंगार बनी ,

चंद्र किरण चंचल किरणों का वर्णन बनी,
नभ आच्छादित नक्षत्र मंडल सौंदर्य भान बनी ,

रवि आगम प्रकाश पुंजों का आव्हान बनी ,
नवप्रेमी युगल संगीत का प्रेमगान बनी ,

मातृत्व का शैशव प्रति अभिमान बनी ,
अनुशासित शिष्य का गुरु प्रति सम्मान बनी ,

मातृभूमि रक्षा बलिवेदी पर वीरों का बलिदान बनी ,
जीवनदर्शन भाव उत्प्रेरित संचरित आत्मज्ञान बनी ,

प्रेम विहृल प्रेमी हृदयों के प्रेम स्पंदन भाव बनी ,
आहत् अंतर्रात्मा के आर्तनाद का स्वर बनी ,

गुरु ज्ञान पोषित , स्वप्रज्ञाशक्ति परिमार्जित
तत्वज्ञान बनी ,
नियति के आघातो , समय के चक्रवातो में
अविचलित , संघर्षरत , संकल्पित भाव बनी ,

स्वप्निल आशाओं ,आकांक्षाओं की
परिपूर्ति भाव बनी,
समस्त भावों को समाहित किए काव्य भावना
कविता सृजन स्रोत बनी।

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