किसने कहा पराई होती है बेटियां
किसने कहा पराई होती है बेटियां
सिर का हमारे ताज होती बेटियां,
संस्कार जो दिए हमने उसको
गवाह होती है उसकी बेटियां !
मां बाप की होती है ख्वाहिश
बेटियों की उड़ान में पंख लगाना
बड़े गुरुर से सीना फुला कर
कहते ये है हमारी बेटियां !
किसी और घर की अमानत
खासमखास होती है बेटियां
दो विचारों और परिवारों का
मेल मिलाप होती है बेटियां !
उदास होती खुशियां उस दिन
विदा होती जिस दिन बेटियां,
किसने कहा पराई होती बेटियां
बुढ़ापे में मां बाप के बुलावे पर
हाजिर हो जाती है बेटियां !
स्वरचित मौलिक रचना
राधेश्याम खटीक