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17 Jul 2020 · 1 min read

किसको सुनाता

122 122 122 122
अगर तुम न होते मिरे जिंदगी में
कहो यार किसको यूं दीपक सताता।
तु है जान मेरी जरा पास आना
यूं लिखता किसे और किसे ये सुनाता।

मोहब्बत डगर है न दिल को ख़बर।
जहां का यहां पर हमीं पे नजर है।
कहानी सुना फिर मोहब्बत किए हम।
नशा के लतों से किसे तू बचाता।

हरिक ख़्वाब दिल के कहा मैं यहां हूं।
नजर कर इधर देख तो मैं यहां हूं।
शहर में सजा है नया सा तमाशा ।
मोहब्बत न करता तो किसको दिखाता।

अभी हाल दिल का सुना है शहर ये।
मिरी जान तुमको मिली क्या ख़बर ये?
कहा था जो कल आज सब से कहा हूं।
जो तुम साथ होती तुम्हीं को बताता।।

दीपक झा रुद्रा

5 Likes · 1 Comment · 460 Views
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