किसकी कश्ती किसका किनारा
इस भाग के साथ ही “किसकी कश्ती किसका किनारा ” का पहला सीजन पूरा हुआ। हेमंत और मयंक की जिंदगी में अब आगे कई बदलाव होने वाले हैं। इसका एक अंश पढ़िए और अपनी पढ़ने की इच्छा को बनाए रखिए ——–
प्रभा – दीपक जी!
दीपक – जी! मैडम!
प्रभा – आपसे एक …
दीपक – बोलिए मैडम!
प्रभा – काम बोलूं या बेबसी ….. पर आपको इसे करना है!
दीपक – मैं….. समझा नहीं…..
प्रभा – मैं आपके सामने दुखड़ा नहीं रो सकती पर……
दीपक -देखिए मैडम! मैं हॉस्पिटल में सपोर्टिंग स्टाफ हूं ये कोई कानूनन….
प्रभा ने इधर उधर देखा और दीपक के कान के पास आकर फुसफुसाई – कानून से हो सकता तो मैं आपसे इस तरह अकेले में नहीं मिलती। सीधे कह देती हूं आप किसी को किडनैप कर सकते हो?
दीपक की हवा खराब हो गई वे बोले – क्या…. क्या….?
प्रभा ने दीपक के मन को बदलने के लिए अगला पैंतरा फेंका – इसके बदले आपको मैं इतनी रकम दे सकती हूं….. जिसमें तुम एक स्टैंडर्ड लाइफ जी सकते हो!
दीपक – आप ये किसी बेबसी में कर रही हो?
प्रभा – हां! क्योंकि मैं मां पहले हूं….
दीपक – बेबसी में आप अपराधी क्यों बन रही हैं? और मुझे भी बना रही हैं? फिर मुझे ही क्यों?
प्रभा – इसका भी जबाव आपको खुद मिल जायेगा , पहले इस काम को हां तो कहिए !
दीपक ने धीमे स्वर में कहा – रकम कितनी मिलेगी?
प्रभा – काम के मुताबिक जितनी आप चाहें!
दीपक की आंखों में चमक आई और बोला – कौन है वो जिसके लिए आप इतना…..
प्रभा ने एक नाम लिया और दीपक को लगा उसे एक साथ हजारों बिच्छुओं ने डंक मारा हो! वेअचंभित होने के साथ मन ही मन प्रभा के इस काम को किसी दानव के काम से तुलना करने लगे।
…… क्रमश:
आखिर कौन वो शख्स था जिसे प्रभा किडनैप कराना चाहती थी?
इसके लिए दीपक को ही चुनने की प्रभा की मंशा के पीछे क्या कारण था?
सबसे जरूरी कि प्रभा की बेबसी क्या थी? जिसके लिए वह अपराधी बनने में भी नहीं झिझक रही थी?
इन सब बातों के जवाब के लिए ” किसकी कश्ती किसका किनारा ” सीजन -2 की प्रतीक्षा कीजिए।
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