Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Dec 2017 · 3 min read

किसका भारत महान?

पैंतालीस वर्षों से दुनियाभर में समाजसेवा और निष्पक्ष खोजी पत्रकारिता कर रहे कनाडा के चार्ली हैस को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने की घोषणा हुई। नोबेल संस्था की आधिकारिक घोषणा के बाद से उनके निवास के बाहर पत्रकारों का तांता लगा था। अपनी दिनचर्या से समय निकाल कर उन्होंने एक प्रेस वार्ता और कुछ बड़े टीवी, रेडियो चैनल्स के ख़ास साक्षात्कार किये। दिन का अंतिम साक्षात्कार एशिया टीवी की पत्रकार सबीना पार्कर के साथ निश्चित हुआ। एशिया के अलग-अलग देशों में अपने जीवन का बड़ा हिस्सा बिताने वाले चार्ली खुश थे कि अब उन्हें पाश्चात्य पत्रकारों के एक जैसे सवालों से अलग कुछ बातें मिलेंगी।

काफी देर तक अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करने के बाद सबीना ने कुछ संकोच से पूछा।
“मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि इतनी समस्याओं में आपने अभी तक भारत का नाम नहीं लिया?”

चार्ली – “क्या आप चाहती हैं कि मैं भारत का नाम लूँ?”

सबीना – “मेरा वो मतलब नहीं था। मैं कहना चाहती हूँ कि भारतीय समाज में इतनी विकृतियाँ सुनने में आती हैं, हर रोज़ इतने अपराध होते हैं….मुझे लगा आपके पास कहने को बहुत कुछ होगा।”

चार्ली – “बिल्कुल! भारतीय समाज में बहुत सी कमियाँ हैं, अक्सर अपराध सुर्खियाँ बनते हैं पर क्या आपको पता है 200 कुछ देशों की दुनिया में लगभग चौथाई देश ऐसे हैं जिनकी अधिकतर आपराधिक ख़बरें, सरकार की गलतियाँ, जनता का दुख सरकारी फ़िल्टर की वजह से वहाँ से बाहर दुनिया में नहीं जा पातीं…वहाँ की तुलना में भारत स्वर्ग है। उन देशों के अलावा कई देशों में शिक्षा और सामाजिक व्यवस्था ऐसी है कि बच्चो में अपने धर्म, देश की निंदा को हतोत्साहित किया जाता है और एक समय के बाद इस सामाजिक अनुकूलन (सोशल कंडीशनिंग) के कारण स्थानीय लोगो, मीडिया द्वारा बाहर के देशों में किसी बड़ी अप्रिय घटना के अलावा अपनी “सामान्य” या “अच्छी” छवि की रिपोर्ट्स भेजी जाती हैं। जबकि भारत में मैंने इस से उलट ट्रेंड देखा है।”

सबीना – “मैं आपकी बात समझी नहीं। कैसा उल्टा ट्रेंड?”

चार्ली – “मान लीजिये अगर दुनिया के किसी हिस्से में हुई त्रासदी में 3 दर्जन लोग मरते हैं, ये हुई पहली खबर और दूसरी खबर में भारत का कोई स्थानीय दर्जे का नेता एक रूढ़िवादी या बेवकूफाना बयान देता है। अब यहाँ ज़्यादा संभावना यह है कि भारत के नेता के गलत बयान वाली खबर, कहीं और हुई 36 लोगो की मौत वाली खबर से बड़ी बन जायेगी और दुनिया के कई हिस्सों में पहुँचेगी। इतना ही नहीं बाकायदा उस खबर का फॉलो अप भी होगा। जब लगातार किसी देश से जुडी नकारात्मक ख़बरें अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जाती रहेंगी तो देश-दुनिया के लोगो में भारत की वैसी ही छवि बनेगी जैसी आपके मन में हैं। वर्तमान भारत अपने इतिहास के समय सा महान नहीं है पर दुनिया की नर्क सरीखी जगहों में भी नहीं है….यह देश कहीं बीच में है। किसी बात के औसत में सत्तरवें नंबर पर लटका है तो कहीं बत्तीसवां है, जो इतनी जनसँख्या और कदम-कदम पर दिखती सामाजिक विविधता में अचंभित करने वाली बात है। अब यह भारतीय लोगों पर है वो औसत से ऊपर जाते हैं या नीचे।”

सबीना – “…मतलब आप चाहते हैं भारतीय लोग और मीडिया अपनी कमियों पर बात करना छोड़ दें?”

चार्ली – “मैं चाहता हूँ भारत के लोग, मीडिया अपनी कमियों पर बात करने और कमियों का स्पीकर युक्त ढोल बजाने में अंतर समझें। अगर ऐसा नहीं होता है तो बाहरी देशों में भारत की छवि धूमिल होती जायेगी जिसका गहरा असर पर्यटन, व्यापर, कई देशों से द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा। इतना ही नहीं भारतीय लोगो में एक-दूसरे के प्रति वैमनस्य की भावना बढ़ती जायेगी। फिर यह देश अपनी क्षमता से नीचे जाता रहेगा।”

अपनी असहजता मिटाने के लिए सबीना ने अन्य मुद्दों से जुड़े सवाल पूछने शुरू कर दिए।

समाप्त!
===========

Language: Hindi
609 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
ज़िंदगी को यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
কুয়াশার কাছে শিখেছি
কুয়াশার কাছে শিখেছি
Sakhawat Jisan
प्रेम पर्व आया सखी
प्रेम पर्व आया सखी
लक्ष्मी सिंह
मुक्तक
मुक्तक
anupma vaani
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
डा. तेज सिंह : हिंदी दलित साहित्यालोचना के एक प्रमुख स्तंभ का स्मरण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हिंदी दिवस - विषय - दवा
हिंदी दिवस - विषय - दवा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अजदहा बनके आया मोबाइल
अजदहा बनके आया मोबाइल
Anis Shah
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
अंसार एटवी
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
Phool gufran
दोहे नौकरशाही
दोहे नौकरशाही
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हिंदू धर्म आ हिंदू विरोध।
हिंदू धर्म आ हिंदू विरोध।
Acharya Rama Nand Mandal
ला मुरारी हीरो बनने ....
ला मुरारी हीरो बनने ....
Abasaheb Sarjerao Mhaske
The steps of our life is like a cup of tea ,
The steps of our life is like a cup of tea ,
Sakshi Tripathi
2526.पूर्णिका
2526.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"ख्वाबों के राग"
Dr. Kishan tandon kranti
पिछले पन्ने 7
पिछले पन्ने 7
Paras Nath Jha
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर बार बिखर कर खुद को
हर बार बिखर कर खुद को
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
गले की फांस
गले की फांस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
आर.एस. 'प्रीतम'
संस्कृत के आँचल की बेटी
संस्कृत के आँचल की बेटी
Er.Navaneet R Shandily
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
जो हमारे ना हुए कैसे तुम्हारे होंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नेता (पाँच दोहे)
नेता (पाँच दोहे)
Ravi Prakash
"The Dance of Joy"
Manisha Manjari
मन से भी तेज ( 3 of 25)
मन से भी तेज ( 3 of 25)
Kshma Urmila
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
Loading...