किरीट सवैया
छंद- किरीट सवैया
वर्णिक छंद- (8 भगण) 211*8 =24 वर्ण = 32 मात्रा
मापनी- 211 211 211 211 211 211 211 211
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(०१)
मात महान धरा पर शोभित, वंदन को रत है रघुनंदन।
राम समान बने जग में तब, होत सदा चहुँ ओर सुवंदन।
मान मिले हमको जग में जब, राम समान बने हम नंदन।
नाम मिले नित नेह जगे अरु, होत सदा जग में अभिनंदन।।
(०२)
हे! पितु, मात सदा अभिनंदन,जोड़ करूँ कर मैं नित वंदन।
रंजन जीवन है जिन से मम, आप बिना धन दूषित चंदन।
मात पिता भगवान धरा पर, शोभित है जिनसे हर नंदन।
आप कृपा भगवान धरा पर, पूजित है अब भी रघुनंदन।।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण, बिहार