Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2020 · 1 min read

किरीट सवैया (शान्त रस)

रस का नाम :- शान्त रस
विधा:- किरीट सवैया = भगण X 8
यानि, भगण भगण भगण भगण भगण भगण भगण भगण अर्थात 24 वर्ण का एक पद
—————————————————————————
रचना

( ०१ )
भोर उठे जब मोर मना नित, ढूंढ रहा प्रभु द्वारन द्वारन।
जो हिय पाय गया खुद में हरि, है लगता धन सदा बुहारन।
बारह मास रमा हरि में मन, काज यही बस भाग्य सुधारन।
त्याग निकेतन नेह लगाकर, जा बसता नर दुस्कर कानन।।

( ०२ )
मोह करे उर त्याग कभी नर, जीवन है बनता यह पावन।
प्रेम भरा मन स्वच्छ सदा तन, है लगता हर मौसम सावन।
जो मिलता सुख शान्त रहे मन, ईश कृपा से सब मनभावन।
सुंदर हो तन मोह भरा मन, राम बिना वह होत भयावन।।

( ०३ )
मोह धरे कछु लोभ धरे कछु, पीट रहे है पेट थपा -थप।
खोज रहे कछु सोध रहे कछु, मीच रहे हैं आँख झपा – झप।
लूट खसोट समेट रहे कछु, खींच रहे है माल सपा – सप।
मोह महान भरे हिय में कछु,जोह रहे धन रोज टपा – टप।।
—————————————————————————-
#घोषणा :- मेरी यह रचना स्वरचित है।
(पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’)

1 Like · 2 Comments · 417 Views
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

■ प्रश्न का उत्तर
■ प्रश्न का उत्तर
*प्रणय*
शिकायत नही किसी से
शिकायत नही किसी से
Kaviraag
गांव प्यारा
गांव प्यारा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
4897.*पूर्णिका*
4897.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*परिस्थिति*
*परिस्थिति*
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
जब तुमने सहर्ष स्वीकारा है!
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
बेटी
बेटी
Ruchi Sharma
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Santosh Khanna (world record holder)
Moral of all story.
Moral of all story.
Sampada
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
मन दुखित है अंदर से...
मन दुखित है अंदर से...
Ajit Kumar "Karn"
*कुछ संकलन*
*कुछ संकलन*
Ghanshyam Poddar
श्री राम
श्री राम
Rajesh Kumar Kaurav
चाय की आदत
चाय की आदत
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
शादी कुँवारे से हो या शादीशुदा से,
शादी कुँवारे से हो या शादीशुदा से,
Dr. Man Mohan Krishna
चोपाई छंद गीत
चोपाई छंद गीत
seema sharma
*प्यासा कौआ*
*प्यासा कौआ*
Dushyant Kumar
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
PRADYUMNA AROTHIYA
कुण्डलिया
कुण्डलिया
अवध किशोर 'अवधू'
"इश्क वो बला"
Dr. Kishan tandon kranti
सच को खोना नहीं  ,
सच को खोना नहीं ,
Dr.sima
तुम और प्रेम
तुम और प्रेम
पूर्वार्थ
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले
VINOD CHAUHAN
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती हमसे
बात उनकी कभी टाली नहीं जाती हमसे
Dr Archana Gupta
शिकायत
शिकायत
R D Jangra
*राम मेरे तुम बन आओ*
*राम मेरे तुम बन आओ*
Poonam Matia
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
Loading...