किराये के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
अपने सिर पर छत होना बड़ी बात है।
दीवारों से भरा पड़ा है शहर सारा
मगर एक घर होना बड़ी बात है।
गांव छोड़कर शहर में बस जाना
आसान नहीं है अपनों से दूर जाना
तन मन में रमी गांव की मिट्टी को
शहर में बसा पाना बड़ी बात है।
~करन केसरा~