किरदार
कभी बिठाया गोद में,दिया कभी दुत्कार !
बच्चे जैसा हो गया, अपना भी किरदार !!
इत देखूं किरदार या, उत देखूं परिवार !
दोनों ही ज़िंदा रहें, ….मेरे मन के द्वार !!
रमेश शर्मा.
कभी बिठाया गोद में,दिया कभी दुत्कार !
बच्चे जैसा हो गया, अपना भी किरदार !!
इत देखूं किरदार या, उत देखूं परिवार !
दोनों ही ज़िंदा रहें, ….मेरे मन के द्वार !!
रमेश शर्मा.