किफायत या सहूलियत
“किफायत या सहूलियत”
किफायत और सहूलियत का, कभी एक साथ होना
मुनासिब तो खैर है ही नही और मुमकिन भी नही है
किफायत, ज़िंदगी जीने का, वो एक नायाब हुनर है
जिस को अपनाने भर से, ज़रूरतों में आती कमी है
सहूलियतें तो चाही जाती हैं, मांगी जाती हैं औरों से
मिलने से और भी बढ़ जाती हैं ये कब कहां थमी हैं
किफायती नज़रिया ही है, खुद, एक बड़ी सहूलियत
इस के दीवानों की उड़ान ऊंची पर पैरों तले ज़मीं है
इसीलिए, ज़िंदगी में हमेशा, किफायत को ही चुनिए
किफायत पसंद इंसान का कामयाब होना लाज़मी है
~ नितिन जोधपुरी “छीण”