*किताब*
किताब हमारी कितनी सुन्दर,
छिपा खजाना इसके अन्दर।
सुन्दर कागज काला लेख,
सुबह शाम किताबें तू देख।।१।।
किताबें देतीं हमको सीख,
पढ़ो लिखो न मांगों भीख।
किताबें देतीं ऐसा ज्ञान,
पढ़ो लिखो तुम बनो महान।।२।।
किताबें सच्ची दोस्त हमारी,
पढ़ने की तुम रखो तैयारी।
नहीं देंगीं किताबें धोखा,
पढ़ लो इन्हें न गंवाओं मौका।।३।।
किताबों से है बात न्यारी,
कर लो इनसे गहरी यारी।
सोच रखो अच्छी और प्यारी,
झुकेगी आगे दुनिया सारी।।४।।