किताब…
दुनिया को समझने
की देती सदा ताब
ज्ञान वृद्धि कर हरेक
का बढ़ा देती रुआब
मित्र जैसे ही सदा वो
दिखाए सबको सत्पथ
सो किताब की महिमा
गा गए रचनाकार उद्भट
दुनिया के हर व्यक्ति को
देती बिना भेद के ज्ञान
कुछ पल में ही वो दूर करे
अज्ञानता के गहरे निशान
आइए हम सब फिर बनाएं
किताबों से करीबी संबंध
सचमुच में ही बदल जाएगा
जीवन का असली रंग ढंग