किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा
किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा
प्यार का होते हुए मैंने उपहास देखा
झूठे वादों का मैंने रिवाज़ देखा
मरी हुई रूह में इंसानी लिबास देखा
इंसानों में जिंदा होता हुआ हैवान देखा
सफ़ेद कपड़ों का डोलता ईमान देखा
पत्थर में जिंदा भगवान देखा
इंसानों का प्यासा इंसान देखा
भूपेंद्र रावत
14/11/2017