किताब।
किताब कोई भी हों! कोई न कोई अच्छी बात सीखने को मिलती हैं। लेकिन हमें उस पुस्तक को पढ़ना आना चाहिए। कुछ लोगों का पढ़ने का नजरिया अलग हो सकता है।पर उस पुस्तक का अर्थ अलग नही हो सकता है।आज कल बच्चे कोई भी अच्छी पुस्तकें पढ़ना नही चाहते हैं? और गलत आदतों का शिकार हो जाते हैं।क्यो कि वह पुस्तकों से दोस्ती नही करना चाहतें हैं। विद्यार्थियों को भी अपने बिषय की पुस्तकें पढ़ना चाहिए। और कैसे पढ़ें? विद्यार्थियों को प्रतिदिन एक पुस्तक का चेप्टर पढ़ें। उससे विद्यार्थियों का मानसिक संतुलन अच्छा बना रहता है। और विद्यार्थियों की बुद्धि का विकास भी होता है।जब बच्चे प्रतिदिन पुस्तकें पढ़ने की आदत डालेंगे तो उनका जीवन मे बहुत बदलाव आयेगा।