Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2023 · 1 min read

किताबें

किताबें

समय/असमय
किताबें जब भी
आवाज देकर बुलाती हैं
अपने पास
रुक नहीं पाती
बैठती हूँ
बतियाती हूँ
इनके साथ तब तक
जब तक कि नींद से
बोझिल नहीं हो जाती आँखें,
पर ये थकती नहीं
जाने कितनी
बातों का अम्बार है
इनके पास
जो बढ़ता ही जाता है
जो इनके पास आता है
इनका ही
होकर रह जाता है
रिश्ता निभाना
कोई किताबों से सीखे।

#डॉभारतीवर्माबौड़ाई

1 Like · 271 Views
Books from Dr. Bharati Varma Bourai
View all

You may also like these posts

कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
*जातिवाद ने किया देश का, पूरा बंटाधार (गीत)*
*जातिवाद ने किया देश का, पूरा बंटाधार (गीत)*
Ravi Prakash
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
कृष्ण भक्ति में मैं तो हो गई लीन...
कृष्ण भक्ति में मैं तो हो गई लीन...
Jyoti Khari
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
मेरी दोस्ती के लायक कोई यार नही
Rituraj shivem verma
#ਦੋਸਤ
#ਦੋਸਤ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
नई किरण रोशनी की ….
नई किरण रोशनी की ….
meenu yadav
Best Preschool Franchise in India
Best Preschool Franchise in India
Alphabetz
*हिंदी*
*हिंदी*
Dr. Priya Gupta
का कहीं लोर के
का कहीं लोर के
आकाश महेशपुरी
हौसले के बिना उड़ान में क्या
हौसले के बिना उड़ान में क्या
Dr Archana Gupta
3046.*पूर्णिका*
3046.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लिबास -ए – उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है
लिबास -ए – उम्मीद सुफ़ेद पहन रक्खा है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दर्द का एहसास
दर्द का एहसास
नेहा आज़ाद
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
ओनिका सेतिया 'अनु '
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
"संयम"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम मुझे भुला ना पाओगे
तुम मुझे भुला ना पाओगे
Ram Krishan Rastogi
जवाब कौन देगा ?
जवाब कौन देगा ?
gurudeenverma198
'मुट्ठीभर रेत'
'मुट्ठीभर रेत'
Godambari Negi
राम लला की हो गई,
राम लला की हो गई,
sushil sarna
🙅एकहि साधे सब सधे🙅
🙅एकहि साधे सब सधे🙅
*प्रणय*
बेटियां होती है पराई
बेटियां होती है पराई
Radha Bablu mishra
थोड़ा सा बिखरकर थोड़ा सा निखरकर,
थोड़ा सा बिखरकर थोड़ा सा निखरकर,
Shashi kala vyas
परेशां सोच से
परेशां सोच से
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल _ मैं ग़ज़ल आपकी, क़ाफिया आप हैं ।
ग़ज़ल _ मैं ग़ज़ल आपकी, क़ाफिया आप हैं ।
Neelofar Khan
स्वार्थ
स्वार्थ
Neeraj Agarwal
माँ तुझे फिर से
माँ तुझे फिर से
bhandari lokesh
हे जगतारिणी
हे जगतारिणी
कुमार अविनाश 'केसर'
"नन्नता सुंदरता हो गई है ll
पूर्वार्थ
Loading...