किताबें
किताबें कहतीं कि तुम मुझे इसलिए ना पढ़ो कि मुझसे तुम्हें ज्ञान प्राप्त होगा
बल्कि इसलिए पढ़ो कि मुझे
तुम्हारे भावों की गहराई जानने का मौका मिलेगा
और तुम्हें भी तो यही चाहिए कि
“कोई मुझे समझें”
शिव प्रताप लोधी
किताबें कहतीं कि तुम मुझे इसलिए ना पढ़ो कि मुझसे तुम्हें ज्ञान प्राप्त होगा
बल्कि इसलिए पढ़ो कि मुझे
तुम्हारे भावों की गहराई जानने का मौका मिलेगा
और तुम्हें भी तो यही चाहिए कि
“कोई मुझे समझें”
शिव प्रताप लोधी