Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2023 · 1 min read

किताबें पूछती है

किताबें पूछती है हमको ,कितना पढ़ा मुझे।
बाज़ार से खरीदा,दिया टेबल पर सजा मुझे।

ज़रूरत होने पर, बैग में बेतरतीब ठूंसा मुझे
ला कर स्कूल से, फिर सोफे पर पटका मुझे।

मेरे ज्ञान को तो क्या, कोई न समझा‌ मुझे।
कभी परवाह नहीं की,कभी न खोला‌ मुझे ।

परीक्षा जब आई तो,हर तरफ तूने ढूंढा मुझे
बैड के नीचे मिली, झाड़ा,पोंछा टटोला मुझे

समझा नहीं,परखा नहीं,बस साथी बोला मुझे
मिली न जब नौकरी ,धोखा फिर तोला मुझे।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
1 Like · 156 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
🍂🍂🍂🍂*अपना गुरुकुल*🍂🍂🍂🍂
Dr. Vaishali Verma
विवाह
विवाह
Shashi Mahajan
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
आत्मविश्वास से लबरेज व्यक्ति के लिए आकाश की ऊंचाई नापना भी उ
Paras Nath Jha
बेकरार दिल
बेकरार दिल
Ritu Asooja
गरिबी र अन्याय
गरिबी र अन्याय
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*पिताजी को मुंडी लिपि आती थी*
*पिताजी को मुंडी लिपि आती थी*
Ravi Prakash
2837. *पूर्णिका*
2837. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" सजदा "
Dr. Kishan tandon kranti
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
Kumar lalit
तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर जरूरी काम ढंग से होने चाहिए...
हर जरूरी काम ढंग से होने चाहिए...
Ajit Kumar "Karn"
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
surenderpal vaidya
Deceased grandmother
Deceased grandmother
Tharthing zimik
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सिंह सा दहाड़ कर
सिंह सा दहाड़ कर
Gouri tiwari
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
दर्द अपना, गिला नहीं कोई।
सत्य कुमार प्रेमी
हनुमान जन्म स्थली किष्किंधा
हनुमान जन्म स्थली किष्किंधा
Er.Navaneet R Shandily
🌹हार कर भी जीत 🌹
🌹हार कर भी जीत 🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
Swami Ganganiya
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
बचपन में लिखते थे तो शब्द नहीं
VINOD CHAUHAN
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
याद आते हैं
याद आते हैं
Juhi Grover
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
"ना ढूंढ सको तिनका, यदि चोर की दाढ़ी में।
*प्रणय*
वो भी थी क्या मजे की ज़िंदगी, जो सफ़र में गुजर चले,
वो भी थी क्या मजे की ज़िंदगी, जो सफ़र में गुजर चले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
इम्तिहान
इम्तिहान
Saraswati Bajpai
Loading...