कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
कितने दिन कितनी राते गूजर जाती है..
शिद्दत-दर्द की दास्तान-ए बिखर जाती है……
कौन घबराता है ग़मों से ए दोस्त….
इस से तो और भी शख्सियत * (शाखसियात) निखर जाती है………..🌹🌹🌹🌹ये दिल ने कहा …………….शबीनाज़
जुनूनी.*..व्यक्तित्व