कितने खुश ये परिंदे
देखो देखो….
कितने खुश है ये परिंदे,
खुले गगन में विचरते,
मिलकर सब गीत गुनगुनाते,
प्रेम प्यार का संदेश सुनाते,
सीखो सीखो…..
हम क्यों चिंता को पालते,
इतने क्यों आपस मे झगड़ते,
लोभ मोह ईर्ष्या को गले लगाते,
दिन में ही उड़ने के सपने बुनते,
सोचो सोचो….
नर से जग में कौन अच्छा है,
कौन इतना भावुक सच्चा है,
नही है किसी के पास सोच,
फिर भी हम लगे अपनो को नोच,
जागो जागो….
अपने मन को जगा लो,
क्रोध गुस्से को भगा लो,
सबसे स्नेह तुम बढ़ा लो,
व्यवहार में संयम दिखा लो,
हँसो हँसो……
गम्भीर होने से नही होता हल,
हँसने से नही होता कोलाहल,
मुस्कुराकर सुनाओ मीठे बोल,
वाणी ईश्वर का वर अनमोल,
चुनो चुनो…..
अपने लिए चुनो सही राह,
गलत की न रखो चाह,
गर्व से उठाओ अपनी बाह,
।।।जेपीएल।।।
,