Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2023 · 1 min read

कितने एहसास हैं

नुकसान ही होते हैं कब नफ़ा नफ़ा होते हैं।
कितने वादे हैं जो वफ़ा होते हैं ।।
एक तेरे एहसास की ख़ातिर शाद ।
कितने एहसास हैं जो ख़फ़ा होते हैं ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
4 Likes · 152 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

लोग कहते हैं भुला दो,
लोग कहते हैं भुला दो,
श्याम सांवरा
3281.*पूर्णिका*
3281.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
'नव संवत्सर'
'नव संवत्सर'
Godambari Negi
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
लौट आना वहीं - कोमल अग्रवाल की कलम से
लौट आना वहीं - कोमल अग्रवाल की कलम से
komalagrawal750
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
*नववधु ! कभी किसी की झूठी, बातों में तुम मत आना (गीत)*
Ravi Prakash
"बागबान"
Dr. Kishan tandon kranti
शहर का लड़का
शहर का लड़का
Shashi Mahajan
आ गया मौसम सुहाना
आ गया मौसम सुहाना
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
"राष्टपिता महात्मा गांधी"
Pushpraj Anant
मोहब्बत...
मोहब्बत...
हिमांशु Kulshrestha
सिंदूर..
सिंदूर..
Ranjeet kumar patre
तरही ग़ज़ल
तरही ग़ज़ल
Shailendra Aseem
- तुम हो गर्वी गुजराती में हु राजस्थानी -
- तुम हो गर्वी गुजराती में हु राजस्थानी -
bharat gehlot
गंगा की जलधार
गंगा की जलधार
surenderpal vaidya
"बेचारा किसान"
Dharmjay singh
नि: शब्द
नि: शब्द
Sonam Puneet Dubey
पीढ़ियों का संवाद पीढ़ियों से
पीढ़ियों का संवाद पीढ़ियों से
Arun Prasad
जिनके नसीब में था वही मोअतबर हुए
जिनके नसीब में था वही मोअतबर हुए
Dr fauzia Naseem shad
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़  करु।
किससे माफी माँगू, किसको माँफ़ करु।
Ashwini sharma
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
आओ मृत्यु का आव्हान करें।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
Kanchan Alok Malu
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
जिंदगी की हर कसौटी पर इम्तिहान हमने बखूबी दिया,
manjula chauhan
अद्भुत प्रयास
अद्भुत प्रयास
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
इस शहर में
इस शहर में
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
One day you will be exactly where you want to be.One day, yo
One day you will be exactly where you want to be.One day, yo
पूर्वार्थ
सियासत का खेल
सियासत का खेल
Shekhar Chandra Mitra
" दोहरा चरित्र "
DrLakshman Jha Parimal
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
Rj Anand Prajapati
■ 100% यक़ीन मानिए।
■ 100% यक़ीन मानिए।
*प्रणय*
Loading...