कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
लम्बे वक्त तक साथ,उसे सहज बना देता है।
घाव जो सूखे नज़र आते हैं,उपर से
इस रूह को पक कर गला देता है ।
अच्छा लगने लगता है अब,हर दर्द मुझे
पुराना ज़ख्म भी सुकून देता है
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
लम्बे वक्त तक साथ,उसे सहज बना देता है।
घाव जो सूखे नज़र आते हैं,उपर से
इस रूह को पक कर गला देता है ।
अच्छा लगने लगता है अब,हर दर्द मुझे
पुराना ज़ख्म भी सुकून देता है