कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिए।
कितनी बेचैनी है कितनी बेकरारी देखिये।
इंसान की सदियों से जीने की तैयारी देखिये।
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इतने पैगम्बर जहाँ में आय लेकिन क्या हुआ।
हो रही है पर बशर की आंख खारी देखिये।
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एक हिस्सा तो नज़र को तंग करता जाएगा।
देखिये तफसील से तस्वीर सारी देखिये।
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इनकी हैरानी पे हैरानी तुम्हे होगी बहुत।
फलसफों से फूलती इनकी पिटारी देखिये।
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सब खड़े हैं रास्तों में तालियों की चाह में।
“नज़र” की नज़रों से ये दुनिया मदारी देखिये।
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कुमारकलहँस,13,01,2023,बोइसर,पालघर।