कितनी नादां है वो जो मुझे भुलाना चाहती है,
कितनी नादां है वो जो मुझे भुलाना चाहती है,
कहती है………
मैं खुश हूँ ! इसलिए भुलाना चाहती है,
कितनी नादां है वो जो मुझे भुलाना चाहती है,
न जाने जिंदगी को कैसे मोड़ रही है,
न जाने दिल को क्यों तोड़ रही है,
होटो पे मुस्कराहट दिखा कर,
मुझे रुलाना चाहती है,
कितनी नादां है वो जो मुझे भुलाना चाहती है,
दिल की आरजू इतनी थी,
दोनों के दिल जितनी थी,
ये आरजू भी आज मुझे रुलाना चाहती है,
कितनी नादां है वो जो मुझे भुलाना चाहती है,