Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2016 · 1 min read

कितनी आसान

कितनी आसान

कितनी आसान थी जिन्दगी की राहे.
मुश्किले तो खुद ही खरीद लेते है.

बहुत कुछ पा लेने पर भी हम.
बहुत पा लेने की चाह रखते है.

Language: Hindi
73 Likes · 604 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
🙅पहचान🙅
🙅पहचान🙅
*प्रणय*
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो
पूर्वार्थ
یہ وہ وقت ہے
یہ وہ وقت ہے
Otteri Selvakumar
दीपावली पर केन्द्रित कुछ बुंदेली हाइकु कविता
दीपावली पर केन्द्रित कुछ बुंदेली हाइकु कविता
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
मैं भी क्यों रखूं मतलब उनसे
gurudeenverma198
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
Jyoti Khari
देखेगा
देखेगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"धर्म और विज्ञान"
Dr. Kishan tandon kranti
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
श्री गणेश
श्री गणेश
विशाल शुक्ल
ग़ज़ल _ मुझे मालूम उल्फत भी बढ़ी तकरार से लेकिन ।
ग़ज़ल _ मुझे मालूम उल्फत भी बढ़ी तकरार से लेकिन ।
Neelofar Khan
सुन्दर सलोनी
सुन्दर सलोनी
जय लगन कुमार हैप्पी
वृद्धावस्था
वृद्धावस्था
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*मटकी तोड़ी कान्हा ने, माखन सब में बॅंटवाया (गीत)*
*मटकी तोड़ी कान्हा ने, माखन सब में बॅंटवाया (गीत)*
Ravi Prakash
जग में उदाहरण
जग में उदाहरण
Dr fauzia Naseem shad
इस तरफ न अभी देख मुझे
इस तरफ न अभी देख मुझे
Indu Singh
11. एक उम्र
11. एक उम्र
Rajeev Dutta
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
Shyam Sundar Subramanian
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
तुम बिन रहें तो कैसे यहां लौट आओ तुम।
सत्य कुमार प्रेमी
आजमाइश
आजमाइश
AJAY AMITABH SUMAN
शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं ,
शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
* सामने आ गये *
* सामने आ गये *
surenderpal vaidya
" कृष्ण-कमल  की महिमा "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
Raju Gajbhiye
ज़िंदगी में बहुत कुछ सीखा है...
ज़िंदगी में बहुत कुछ सीखा है...
Ajit Kumar "Karn"
4513.*पूर्णिका*
4513.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
Loading...