#कुंडलिया//क़दम कभी नहीं रुकते
रुकते कभी न रात-दिन , चलना तुम भी साथ।
चाहो सिद्दत से जिसे , आएगा वो हाथ।।
आएगा वो हाथ , रहे चिंता से दूरी।
जीना पाकर रीति , बने जीवन सिंदूरी।
सुन प्रीतम की बात , सभी जब प्यारे लगते।
आगे बढ़ते जीत , क़दम कभी नहीं रुकते।
#आर.एस. ‘प्रीतम’