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17 Dec 2024 · 1 min read

कितना भी कर लीजिए, सांसों को पाबंद

कितना भी कर्बलीजिए,सांसों को पाबंद।
घड़ी सांस की एक दिन, हो जाएगी मंद ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 31 Views

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