कितना प्यार
हे तुझसे कितना प्यार मुझे
हो वे क्यों ना यकीन तुझे
मैं ना हनुमान कोई
जो दिखाऊं सीना चीर तुझे
हे तुझसे कितना प्यार मुझे
हो वे क्यों ना यकीन तुझे
मेरे लिए तू क्यों रहता अंधेरे में
हे तू दिल का साफ
हे सारी कमियाँ मेरे मैं
उजाला फैला, सारे जहां में
बसा अंधियारा, मन के मेरे मैं
मैं खुशियां ढूंढता, सारे जहान में
खुशियों का अम्बार पाया, मैंने,
मन के मेरे मैं
हे तुझे कितना प्यार मुझे
हो वे क्यों ना यकीन तुझे
मैं ना हनुमान कोई
जो दिखाऊं सीना चीर तुझे
हे तुझसे कितना प्यार मुझे
हो वे क्यों ना यकीन तुझे
हे छोटी सी जिंदगी अपनी
बडा अपना, कोई रोल नहीं
बड़ी बातें करते हैं जो लोग
वो बड़े होते नहीं
बड़ों ने, जो बातें कहीं
वह अनमोल हे कही
हे छोटे लब्ज अपने
बड़े अपने बोल नहीं
हे जो सबके, दिलों में बसा
मैं उसे, हकीकत में देखो कभी
हे इतनी सी ख्वाहिश अपनी
मैं तुझे अपना बनालू कभी
हे तुझसे कितना प्यार मुझे
हो वे क्यों ना यकीन तुझे
मैं ना हनुमान कोई
जो सीना चीर दिखाऊं तुझे
हे तुझसे कितना प्यार मुझे
हो वे क्यों ना यकीन है तुझे