कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन।
यह पर्व हमारा है मन भावन।।
देखो आई होली आई होली ।
गलियारों में देखो आई टोली।।
उड़ रहे हैं देखो रंग गुलाल।
रंग बिरंगे हुए है सबके गाल।।
कितना प्यारा कितना पावन।
यह पर्व हमारा है मन भावन।।
ढोल बाजे संग मची है धूम।
आओ यारा नाचे गाए झूम।।
दोस्त हो या फिर हो दुश्मन।
रंग लगा दिखाओ अपनापन।।
कितना प्यारा कितना पावन।
यह पर्व हमारा है मन भावन।।
क्या बच्चे क्या बूढ़े सब मगन।
चहल पहल मची घर आंगन।।
कितना प्यारा कितना पावन।
यह पर्व हमारा है मन भावन।।
खिल उठे है देखो टेसू के फूल।
मौसम भी है कितना अनुकूल।।
न बारिश न सर्दी न धूप न छांव ।
नव रंगो से खुशहाल हमारे गांव।।
कितना प्यारा कितना पावन।
यह पर्व हमारा है मन भावन।।
—– जे पी लववंशी