कितना आसान है
कितना आसान है दुनिया में दिखावा करना
किसी की ख़ुदकुशी पे कोई भी दावा करना।
जब तलक़ ज़िन्दा थे न था कोई रिश्ता उनसे
सबको यहाँ आता हैं मातम पे तमाशा करना।
आग में जलके हो गया है बदन खाक़ उसका
चिता की आग में अब रोटियाँ सेंका करना।
उसके ख़्वाबों की लिस्ट थी बड़ी ही लंबी सी
उसके ख़्वाबों को सुनाने का भी सौदा करना।
एक आद रोज़ यहीं होगा सभी चेनेल्ज़ पर
फिर आराम से नई खबरें परोसा करना।
जॉनी अहमद ‘क़ैस’